
सिकन्दरपुर, बलिया। स्थानीय जूनियर हाई स्कूल के प्रांगण में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजीत कुमार गुप्त ने कहा कि स्वामी जी कहा करते थे कि भारत का कल्याण शक्ति की साधना में है। जन-जन में जो शक्ति छपी है उसे हमें बाहर करनी है तथा अगले 50 वर्षों तक भारत माता को छोड़कर अन्य किसी का ध्यान नहीं करना है। उन्होंने युवाओं को गीता के कर्म योग का संदेश देते हुए आह्वान किया कि उठो जागो और आगे बढो। सह प्रचारक गोरख प्रांत सुजीत कुमार ने बताया कि स्वामी जी सन्यासी के रूप में पूरे देश में भ्रमण के दौरान देश के लोगों की गरीबी, बेवशी और लाचारी को नजदीकी से देखा और महसूस किया और उन्होंने दरिद्र देवो भवः का नारा दिया तथा कहा कि जब पड़ोसी भूखा हो तो मंदिर में भोग चढ़ाना पुण्य नहीं पाप है। वास्तविक शिव पूजा निर्धन और गरीब की है रोगी और कमजोरी की है। पूर्व सांसद रविंद कुशवाहा ने बताया कि शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में हिंदुत्व के पक्ष में स्वामी जी के द्वारा इतना ऊंचा प्रचार हुआ जैसा न पहले हुआ था और न उसके बाद से लेकर आज तक हो पाया। स्वामी जी सर्वधर्म समभाव के पक्षधर थे। पूर्व मंत्री राजधारी ने बताया कि स्वामी जी भारत राष्ट्र एवं सनातन धर्म की उन्नति के लिए जो सपना देखा था उसे आज देश के प्रधानमंत्री भारतराष्ट्र को विकसित एवं समृद्ध राष्ट्र को विकसित एवम समृद्ध राष्ट्र बनाने के साथ-साथ सनातन मान्यताओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे है। इस कार्यक्रम को भगवान पाठक, केशव चौधरी, सुरेश सिंह, भुवाल सिंह, मंजय राय, गुड्डू सिंह, दयाशंकर भारती, रंजीत राय, संजय राय, मोहनकांत राय, बैजनाथ पांडेय, गिरीजेश मिश्रा, जयराम पांडेय, गणेश सोनी, विजय गुप्ता, अजय श्रीवास्तव, संजीव वर्मा, शेरु गुप्ता, रामनाथ यादव, विमलेश राय, कन्हैया गोंड़, कवींद्र गोंड, बबलू बहार, सुनील गुप्ता आदि ने संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता प्रयाग चौहान व संचालन भोला सिंह ने किया।