
सिकंदरपुर, बलिया। नगर के वार्ड नं 4 में कई लाख रुपया से निर्मित पुस्तकालय भवन व पिंक शौचालय उपेक्षा के कारण वर्षों बाद भी शोपीस बना हुआ है। एक तरफ जहां केंद्र सरकार घर-घर शौचालय एंव गांव-गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा कर स्वच्छ भारत मिशन की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है। सरकार की सोच है कि लोग किसी भी हाल में खुले में शौच न करें और स्वच्छ एंव सुंदर भारत का सपना जल्द से जल्द साकार हो। वहीं, दूसरी तरफ हाल यह है कि नगर के वार्ड नम्बर चार में पिछले कार्यकाल में नगर पंचायत द्वारा लाखो की लागत से बनवाया गया सामुदायिक शौचालय व पुस्तकालय भवन शोपीस बनकर रह गए हैं।

हमेशा लटकता रहता है ताला
आज तक इस पुस्तकालय भवन व सामुदायिक शौचालय का प्रयोग ही नहीं हो पाया। आखिर प्रयोग हो भी तो कैसे, इस पर तो हर समय ताला ही लटकता रहता है। नगर के वार्ड नम्बर चार में स्थित पुस्तकालय भवन व सामुदायिक शौचालय जो पूर्व चेयरमैन रविन्द्र वर्मा के कार्यकाल में बनकर तैयार हुआ था। इसके बनने से वार्डवासीयों में इस बात को लेकर खुशी थी कि जिन घरों में अब भी शौचालय नहीं है उन्हें इसका लाभ मिल पाएगा। वहीं किसी सामूहिक आयोजन के समय भी यह उपयोगी साबित होगा। लेकिन अफसोस निर्माण से लेकर अब तक यह सामुदायिक शौचालय मात्र एक शोपीस बनकर रह गया है।

कैसे करें आम जनमानस इसका उपयोग
आखिर आम लोग इसका उपयोग करें भी तो कैसे, इस पर तो हर समय ताला ही लटकता रहता है। शौचालय में उपलब्ध सुविधाओं की बात की जाये तो यह शौचालय सभी प्रकार की सुविधाओं से परिपूर्ण है। महिला एंव पुरुष के लिये अलग अलग तीन लैट्रिन, वाश बेसिन, टाइल्स युक्त फर्श, पानी की टंकी सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। बावजूद इसके हर समय बंद रहने से इन सुविधाओं का कोई लाभ नागरिकों को नहीं मिल पा रहा है।

वार्ड वासियों में आक्रोश
इस सम्बन्ध में वार्डवासियों का कहना है कि जब इस सामुदायिक शौचालय का कोई प्रयोग ही नहीं होना था तो फिर यह बना ही क्यों। निर्माण से लेकर अब तक कभी इसे आम लोगों के लिये खोला ही नहीं गया हर समय यहाँ ताला ही लटका रहता है।