
सन्तोष शर्मा
सिकन्दरपुर (बलिया), 12 जून 2025: बलिया जिले के सिसोटार गांव के लाल, 128 सीआरपीएफ बटालियन के जवान विनोद कुमार राय (48 वर्ष) को गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। देश सेवा के दौरान हृदयाघात से उनका असामयिक निधन हो गया था। बुधवार देर रात उनके पार्थिव शरीर को लखनऊ एयरपोर्ट से छह जवानों के दल के साथ सिकन्दरपुर लाया गया। थाना परिसर में 95 सीआरपीएफ बटालियन वाराणसी के 12 जवानों ने इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में गार्ड ऑफ ऑनर देकर उन्हें सलामी दी। गमगीन माहौल में उनके 17 वर्षीय पुत्र अमृत राय ने मुखाग्नि दी, जिसे देखकर उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गईं।

विनोद राय हाल ही में असम के कामाख्या मंदिर में ड्यूटी पर तैनात थे। बुधवार सुबह उनकी बटालियन अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जम्मू-कश्मीर पहुंची थी। मूवमेंट से पहले अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। साथी जवानों ने तत्काल उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया न जा सका। उनके निधन की खबर ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया।

गुरुवार सुबह से ही उनके अंतिम दर्शन के लिए सिसोटार गांव में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। स्थानीय लोगों के साथ-साथ क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों ने भी विनोद राय को श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व मंत्री राजधारी सिंह, भाजपा नेता मंजय राय, रंजीत राय, पूर्व जिला पंचायत प्रतिनिधि अखिलेश सिंह गुड्डू, विनोद शंकर गुप्ता, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जितेंद्र यादव, पूर्व ग्राम प्रधान विश्राम चौधरी, शिवकुमार मिश्रा, चड़वा बरवा के पूर्व प्रधान सी राय, विक्की राय, निरंजन राय, बंटी राय, राकेश राय सहित अनेक जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने पुष्प अर्पित कर शहीद जवान को नमन किया। उनकी पत्नी रंजना राय, बड़े भाई संजय राय और क्षेत्र पंचायत सदस्य छोटे भाई नीरज राय भी इस दुखद अवसर पर मौजूद रहे।

विनोद राय के निधन से गांव में पूरे दिन शोक की लहर छाई रही। ग्रामीणों ने उन्हें एक निष्ठावान और कर्तव्यनिष्ठ जवान के रूप में याद किया, जिन्होंने देश सेवा में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। स्थानीय निवासी रामाश्रय यादव ने कहा, “विनोद भाई हमारे गांव का गौरव थे। उनकी शहादत हमें हमेशा देश सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी।” एक अन्य ग्रामीण श्याम सुंदर राय ने बताया कि विनोद का व्यवहार सभी के प्रति बेहद विनम्र और सहयोगी था, जिसके कारण वे गांव में सबके चहेते थे।

विनोद राय की शहादत ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र में एक ऐसी रिक्तता छोड़ी है, जिसे भर पाना मुश्किल है। उनके बलिदान को याद करते हुए ग्रामीणों ने सरकार से उनके परिवार के लिए उचित सहायता और सम्मान की मांग की है। इस दुखद घड़ी में पूरा गांव और क्षेत्रवासी उनके परिवार के साथ खड़े हैं।