
सिकंदरपुर, बलिया। भकपा माले व खेत मजदुर सभा के सैकड़ो पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को गांधी आश्रम से मार्च करते हुए हजारों की संख्या में तहसील पहुंचकर नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया। वहीं सैकड़ो की संख्या में पहुंचे पदाधिकारीयों तथा कार्यकर्ताओं को देखकर तहसील गेट को बंद कर दिया गया। इससे भाकपा माले के कार्यकर्ताओं के आपत्ति और विरोध के बाद तहसील गेट खोला गया। धरना सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के केंद्रीय कमेटी के सदस्य श्री राम चौधरी ने कहा की तहसील बंद करना लोकतंत्र की हत्या है।
मांग किया कि हजारों करोड़ों रुपया सहारा में गरीब मजदूर किसान और व्यापारियों का जमा है सरकार की नीयत ठीक नहीं लगती है सरकार उसे दिलवाए। अन्य प्रदेशों की तरह यूपी सरकार पुराना बिजली बिल माफ करें और 300 यूनिट बिजली फ्री दे। मनरेगा में लूट बंद करें। 200 दिन काम और ₹600 मजदूरी दे। कहा की प्रदेश में दलित महिलाओं पर हमला तेज हो गया है। महंगाई आसमान छू रही है। जनता परेशान है। गरीबों को माइक्रो फाइनेंस के कर्ज के जाल से मुक्त कर कर्ज देना चाहिए। सरकारी बैंकों से कर्ज दे। सभी गरीबों को 50 किलो राशन तथा अन्य खाद्य सामग्री देना चाहिए। सभी गरीबों को अवास के लिए जमीन की व्यवस्था करना होगा। विकलांगों को₹3000 प्रति माह पेंशन देना होगा। खरीद दरौली में घाघरा के कटान से आबादी को बचाने के लिए मजबूत ठोकर बनाना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि सिकंदरपुर तहसील के इलाके में कच्ची शराब की अवैध बिक्री तत्काल बंद होना चाहिए और इसमें संलिप्त लोगों की जांच कर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई हो। सूखा से धान की फसल बर्बाद हो गई है।
सिकंदरपुर तहसील को सूखा घोषित किया जाए तथा किसानों को मुवावजा दिया जाए। सभा को मुख्य रूप से भाकपा माले जिला सचिव लाल साहब, भाकपा माले राज्य कमेटी के सदस्य वशिष्ठ राजभर, भागवत बिन्द, राधेश्याम चौहान, लीलावती, भारती, रेखा पासवान, लक्ष्मण यादव, शंभू राजभर, नागेंद्र राम, योगेंद्र राम, कमलावती, सुधीर पासवान, स्वामिन पासवान, धर्मेंद्र राजभर, सोमरिया राजभर, मीरा शर्मा, जितेंद्र पासवान आदि लोगों ने संबोधित किया। अंत में राष्ट्रपति महोदय चार सूत्रीय तथा उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री को संबोधित 11 सूत्रीय मांगपत्र एसडीएम सिकंदरपुर को दिया गया। धरना की अध्यक्षता डॉ रमाकांत सिंह और संचालन भागवत विन्द ने किया।