सिकन्दरपुर (बलिया)। संविधान दिवस के अवसर पर श्री बजरंग स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय, दादर आश्रम सिकन्दरपुर बलिया में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें महाविद्यालय के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं और कर्मचारीगण उपस्थित रहे। सबसे पहले 10:35 से 10:45 के बीच संविधान के प्रस्तावना की शपथ दिलाई गई। आज के कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय संविधान के महत्व को समझना, संविधान निर्माताओं के योगदान को सम्मानित करना और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को महसूस करना था। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. उदय पासवान द्वारा माँ सरस्वती एवं संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके बाद, कार्यक्रम की मुख्य कड़ी के रूप में एक औपचारिक व्याख्यान सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें संविधान से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। प्राचार्य प्रो. उदय पासवान ने अपने उद्घाटन भाषण में भारतीय संविधान के उद्देश्यों और उसकी महत्ता पर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान एक जीवंत दस्तावेज है, जो देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार और अवसर प्रदान करता है। यह संविधान न केवल हमारे अधिकारों को सुनिश्चित करता है, बल्कि हमें अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को भी समझाता है। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. अशोक कुमार ने संविधान के अंतर्गत मौलिक अधिकारों की व्याख्या की और उन अधिकारों का सही उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि संविधान ने हमें जो अधिकार दिए हैं, उनका हमें पूरी तरह से सम्मान करना चाहिए और इन अधिकारों का उपयोग देश की प्रगति के लिए करना चाहिए। धर्मेन्द्र नाथ पाण्डेय और अवनीश सोनकर ने भारतीय संविधान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विस्तृत जानकारी दी। पाण्डेय ने संविधान के निर्माण में डॉ. अंबेडकर के योगदान और उनके दृष्टिकोण की सराहना की, जबकि सोनकर ने संविधान के विकास को राष्ट्रीय एकता और लोकतंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। विशाल कुमार ने संविधान में वर्णित कर्तव्यों की चर्चा करते हुए कहा कि हम सभी को भारतीय समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।संविधान हमें अधिकार तो देता है, लेकिन साथ ही साथ हमें उन अधिकारों का सही उपयोग और कर्तव्यों को समझने की आवश्यकता है,आत्मसात करना है। संविधान दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम ने महाविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को भारतीय संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्यों को समझने का एक अद्भुत अवसर प्रदान किया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी स्वयं सेवियों एवं विद्यार्थियों संविधान के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण का प्रदर्शन किया, और संविधान की शपथ के साथ यह संकल्प लिया कि वे समाज के हर धर्म, वर्ग एवं जाति के लिए समानता, न्याय और स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे। स्वयं सेवी प्रिया मौर्या, दीपिका वर्मा, इमरान अंसारी एवं अतुल राय ने भी भाषण के माध्यम से अपने विचार प्रकट किये। महाविद्यालय के इस आयोजन को सफल बनाने में प्राचार्य प्रो. उदय पासवान, वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. अशोक कुमार, धर्मेन्द्र नाथ पाण्डेय, उमाकांत यादव, राजेश कुमार, विनीत तिवारी, दिलीप कुमार,अवनीश सोनकर, ज्ञान प्रकाश, किशन सिंह, विशाल कुमार, अंजनी यादव, अंकित यादव और डॉ. एस. एन. मिश्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा।कार्यक्रम के समापन में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. एस. एन. मिश्र ने संविधान दिवस के महत्व को लेकर अपने विचार साझा किए, कहा कि संविधान दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी को भारतीय संविधान का पालन करना चाहिए और इसे सशक्त बनाने के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए और देश की सेवा में अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से पालन करेंगे। उपरोक्त सूचना महाविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ एस एन मिश्र ने दी।