दहशत: रात के साढ़े 12 बज रहे हैं। प्रायः 9 बजे तक सो जाने वाला यह गांव जाग रहा है। महिलाएं घरों के बाहर बैठकर आपस में बात कर रही हैं। पुरुष गलियों में घूमकर पहरा दे रहे हैं। गांव के बच्चे एक नीम के पेड़ के नीचे चारपाइयों पर लेटे हैं। लेकिन उनकी आंखों में नींद नहीं है बल्कि वे डरे हुए हैं।
पहरा दे रहे हैं सभी पुरुष
यह गांव है हापुड़ जिले का सदरपुर, जहां सांप के डसने से जहां 3 लोगों की मौत हो गई थी वहीं 4 अस्पताल में भर्ती रहे। गांव में सांप को लेकर ऐसी दहशत है, जिसे अभी तक किसी ने नहीं देखा। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी पूरी-पूरी रात जाग रहे हैं। लोग डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं। यहां तक कि सपेरे भी गांव में डेरा डाले हैं। पर सांप का कहीं पता नहीं है। अचानक आता है बच्चों को डंसकर चला जाता है और किसी को दिखलाई भी नहीं देता है।
सांप के डसने से इनलोगों की हुई मौत
गांव में 21 अक्टूबर की रात पूनम (29), उसके दो बच्चों साक्षी (11) और तनिष्क (10) को सांप ने डस लिया था। तीनों की मौत हो गई थी। इसके बाद गांव में सांप को लेकर दहशत फैल गई। वन विभाग ने गांव में सपेरे भेजे हैं। वहीं 10 से 12 परिवार गांव छोड़कर रिश्तेदारी में चले गए हैं। जो रह गए, उनकी रात सांप के खौफ में कट रही।
नीम के पेड़ के नीचे सोने को मजबूर लोग
रात साढ़े 10 बजे हम जाटव बस्ती में अंबेडकर मूर्ति के पास एक नीम का पेड़ के नीचे 20 से ज्यादा चारपाई पड़ती हैं। इन पर ज्यादातर बच्चे और महिलाएं लेटेते या फिर आपस में बात करते रहते हैं और रात बीताते हैं। ये सभी पिछले 4 दिन से रोजाना सामूहिक रूप से ही इस पेड़ के नीचे सोते हैं। अब ठंड बढ़ गई है। रात में ओस की बूंदें भी टपकती हैं। इसलिए पेड़ के नीचे टेंट का कपड़ा लगवा दिया है, ताकि ओस न टपके। इसकी व्यवस्था गांव के ही एक टेंट व्यापारी ने अपनी तरफ से फ्री में की है।