
Child Care: सर्दियां शुरू होते ही नवजात शिशु के माता पिता यह समझ नहीं पाते है कि उसकी देखभाल किस तरह से की जाए कि शिशु स्वस्थ रहे। the sharp click के रिपोर्टर से बातचीत करते हुए अक्षय हास्पिटल के एमडी डा. अश्विन ने बताया कि इसके लिए सबसे पहले कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बताया कि सर्दी के मौसम में कमरे का तापमान हमेशा 25-30 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच होना चाहिए। इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि तापमान में स्थिरता बनी रहे। शिशु को थोड़ी देर के लिए धूप में लेकर बैठें क्योंकि सूरज की रोशनी से मिलने वाला विटामिन डी शिशु की हड्डियों के विकास में सहायक होता है।
अपने शिशु को ज्यादा मोटे कपड़े न पहनाएं। आप उसे पतले कपड़ों की लेयर पहनाकर रखें। इससे जब बेबी को गर्मी लगेगी, तो आप आसानी से उसके कपड़े उतार पाएंगे। इसके अलावा बाहर निकलने से पहले चेक कर लें कि उस दिन का तापमान कैसा है और फिर उसी के हिसाब से बेबी को कपड़े पहनाएं। शाम या रात के समय ठंड बढ़ जाती है इसलिए इस समय के लिए एक्स्ट्रा कपड़े लेकर चलें।
शिशु को पीठ के बल सुलाएं क्योंकि इससे ओवरहीटिंग से बचाव हो पाता है। इसके साथ ही शिशु को ऐसे कपड़े पहनांए जिसमें वो आराम महसूस कर सके। बच्चे का बिस्तर भी ऐसा होना चाहिए जो गर्म हो लेकिन उसे ज्यादा मोटा कंबल न ओढ़ाएं। इससे बच्चे का दम घुट सकता है।
शिशु की स्किन बहुत ज्यादा संवेदनशील होती है और ज्यादा ठंडे मौसम में उसकी स्किन रूखी पड़ जाती है। आप बेबी को स्किन मॉइस्चाराइजर लगाएं। इससे शिशु की त्वचा मुलायम बनती है। सर्दी के मौसम में बच्चे को इंफेक्शन होने का भी खतरा रहता है इसलिए इससे बचने के लिए आप अपने बेबी को सही समय पर टीका जरूर लगवाएं। वैक्सीनेशन शेड्यूल के लिए आप अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
ब्रेस्ट मिल्क में एंटीबॉडीज और पोषक तत्व होते हैं जो शिशु की इम्यूनिटी को मजबूत करने का काम करते हैं और उसे आम बीमारियों से बचाते हैं। इससे शिशु की पोषण संबंधी सभी जरूरतें पूरी होती हैं और वह स्वस्थ रहता है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मां के शरीर की गर्माहट शिशु को रिलैक्स महसूस करवाती है। इसके अलावा आपको शिशु के आसपास साफ-सफाई का भी ध्यान रखना है। बच्चे को हाथ धोने के बाद ही छुएं।
