
Ballia: गोंडवाना की वीरांगना महारानी दुर्गावती जी की 500 वीं जयंती समारोह शनिवार को ग्राम पकड़ी में पूरे उत्साह पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तिरुमाय श्रीमति नैना देवी तथा संचालन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बलिया तहसील इकाई अध्यक्ष संजय गोंड ने किया। मुख्य वक्ता गोंडवाना विचारक तिरुमाल दादा छितेश्वर गोंड ने अपने सम्बोधन में आदिवासी गोंड समुदाय के गौरवशाली अतित क्रांतिकारी आत्म बलिदान की शानदार गौरव गाथा से इतिहास बोध कराते हुए कहा कि महारानी दुर्गावती जी का जन्म कालिंजर के राजा महोबा के राजा कीर्ति सिंह के यहां 5 अक्तूबर 1524 को हुआ था, जिनका विवाह गोंडवाना के राजा संग्राम शह के पुत्र गोंडवाना के राजकुमार दलपति शाह के साथ हुआ था। गोंडवाना राज बड़ा ही संम्वृद्ध था। गोंडवाना राज में सोने के सिक्के चला करते थे, जिसको देख कर मुगल सम्राट अकबर के सेनापति आसफ खान ने तीन बार गोंडवाना पर आक्रमण किया। दो बार तो महारानी दुर्गावती ने मुगल सेना को परास्त कर दिया तीसरी बार बड़ी ही बहादूरी से लड़ते हुए गोंडवाना महारानी दुर्गावाती युद्ध भूमि में दुश्मनों से अपने आप को घिरा पाकर महारानी अपना की कटार अपने सिने में घोंप कर वीर गति को प्राप्त हो गयीं, जिनकी शौर्य गाथा इतिहास के सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया जो प्रेरणा श्रोत है गोंड समुदाय के मान, सम्मान, स्वाभिमान व गोंडवाना राज्य की रक्षा के लिए वीरांगना महारानी दुर्गावती की इतिहास गाथा बड़ा ही शानदार रहा है, जिन्होंने जीते जी कभी भी मुगल अकबर की अधिनता स्वीकार नहीं की। जयंती समारोह को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला संरक्षक सुमेर गोंड, कार्यवाहक जिलाध्यक्ष अशोक गोंड, कन्हैया गोंड, अरविंद गोंड, सूचित गोंड, सुदेश शाह, मंजित गोंड, हरिशंकर गोंड, शंकर गोंड, सीमा देवी, शीला देवी, मैना देवी, चिंता देवी, गीता देवी, गुलाब गोंड, सोनू गोंड, अजित गोंड, बच्चा लाल गोंड, पिंटू गोंड ने सम्बोधित किया।