
सिकंदरपुर, बलिया। आखिर जिसका डर था हुआ वही। लोगों के बार-बार मांग करने के बावजूद और क्षेत्रीय विधायक के बार-बार आंदोलन करने के बावजूद भी पीपा पुल सुचारू रूप से चालू नहीं हो पाया। जिस पर मंगलवार एक अमल दिन सिद्ध हुआ। पीपा पुल से टाटा मैजिक के नदी में गिर जाने के बाद एक युवक अभी तक लापता है, जिसकी तलाश जारी है। वैसे तो गोताखोरों और स्थानीय लोगों के अथक प्रयास के बाद पुलिस की मौजूदगी में टाटा मैजिक को नदी से बाहर निकाल लिया गया, लेकिन युवक का कहीं पता नहीं चल सका।
आइए जानें पूरी घटना
यूपी और बिहार को जोड़ने के लिए खरीद दरौली घाट के मध्य पीपा पुल का निर्माण हो रहा है। घाघरा नदी दो पाटों में बंटी है। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा एक तरफ पीपा पुल लगा दिया गया है, जिस पर अभी आवागमन शुरू नहीं हुआ है। मंगलवार की सुबह हर्नाटार निवासी सुधीर वर्मा अपने छोटे भाई 20 वर्षीय अंकित कुमार और चालक 25 वर्षीय संदीप कुमार को टाटा मैजिक के ऊपर सब्जी लाद कर खरीद दरौली घाट पीपा पुल के माध्यम से सिवान बिहार ले जाने के लिए भेज दिया। चालक के द्वारा सब्जी नाव पर रखवा कर अपने वाहन को लेकर पुनः हरनाटार लेकर आ रहा था। अभी पांच पीपा पुल ही पार किया था तबतक उसका वाहन अनियंत्रित होकर के नदी में दाहिने तरफ गिर गया और दो पीपा पुल के बीच में जाकर फंस गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार चालक मालिक के भाई को कुछ देर लेकर नदी में तैरता रहा लेकिन जब उसको संभल में नहीं आया तो मालिक के भाई को छोड़ दिया और खुद ही घाघरा नदी से तैरकर बाहर निकाल कर फरार हो गया। इसकी सूचना मालिक सुधीर वर्मा को दिया और बताया कि अंकित नदी में डूब गया है और मैजिक भी नदी में डूब गई है। स्थानीय लोगों के द्वारा तत्काल मौके पर पहुंचकर अंकित वर्मा को ढूंढने का प्रयास किया गया, लेकिन कहीं दूर-दूर तक उसका पता नहीं चला। थानाध्यक्ष विकास चंद पांडेय ने स्थानीय लोगों के सहयोग से बिहार से एक दर्जन गोताखोरों को बुलवाया, जिनके अथक प्रयास से पीपा पुल के बीच में फैंसी टाटा मैजिक को बाहर निकल गया। वहीं अंकित कुमार वर्मा को ढूंढने के लिए घाघरा नदी के गहरे पानी में ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है। सूचना पकर अपर अभियंता पीडी पन्ना लाल यादव मौके पर पहुंचे और पिकअप की दुर्घटना का कारण जानकारी किया।
अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर जब पीपा पुल चालू नहीं था या पूरी तरह से निर्माण नहीं हो पाया था तो लोगों का आवागमन चालू कैसे हुआ? इसमें किसकी लापरवाही है? दो पहिया तथा चार पहिया वाहन का आवागमन की इजाजत किसने दिया था? जबकि बाकायदा पीपा पुल बन जाने के बाद उसका उद्घाटन किया जाता है जो अभी तक नहीं हुआ था।